hindisamay head


अ+ अ-

कविता

उत्तर देना

धनंजय सिंह


तुम मेरी आवाज सुनो तो
उत्तर देना   

ज्यों मरुथल में
कस्तूरी मृग घूम रहा हो
जिह्वा से
प्यासे अधरों को चूम रहा हो

दे पाओ तो उसको शीतल
निर्झर देना

नीड़ आँधियों के झोंकों से
उजड़ गया हो
पंखहीन बच्चा बुलबुल से
बिछड़ गया हो

अगर हो सके तो उसको
नूतन घर देना  

भोलेपन में जिससे कोई
चूक हुई हो
भय-संशय से जिसकी वाणी
मूक हुई हो
आस्था-विश्वासों वाला
उसको स्वर देना


End Text   End Text    End Text